बिहारियों का अंधभक्त होना ही राहुल, तेजस्वी, प्रशांत किशोर, द वायर और एम – वाय वाले चचा को खटक रहा । इन जैसों को घुटनों पर पटकना और आगे भी कोई देशविरोधी होंगे तो उन्हें भी यही अंधभक्त घुटनों पर लाएंगे इसकी गारंटी भाजपा ने ले रखी है । आपको ‘द वायर’ याद है जिसने अमित शाह के बेटे पर 300% मुनाफा कमाने का आरोप लगाया था और रातों रात चर्चा में आई थी? हालांकि ‘द वायर’ ने बाद में केजरीवाल की तरह माफी भी मांगी और कोर्ट में जुर्माना भरा था लेकिन “द वायर” का पर्दाफाश हुआ तो कांग्रेस उसके बचाव में उतरी । इंडी गठबन्धन संयुक्त मंच से तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टॉलिन ने सार्वजनिक रूप से सभी बिहार वासियों को खुलेआम गालियां दी थी । फिर इन्हीं राजद, कांग्रेस और माले के संयुक्त मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की दिवंगत माताजी को सरेआम गालियां दी। अब निचताई ऐसी की नेहा सिंह राठौर जैसो को हायर किया गया है जिनका खर्चा ही शायद मोदी की राजनीति को गाली दे देकर चलता है ।
कितने स्तरहीन हैं ये लोग जो प्रधानमंत्री की मां को दी गई गालियां तक को सही ठहरा रही । राजद और कांग्रेस के इन दोनों राजकुमारों को भी यह बुरा नहीं लगा और दोनों ने इस घृणित काम के विरोध में अब तक कोई पश्चाताप भी प्रकट नहीं किया है तो इसका क्या यह मतलब नहीं निकलता कि इन राजकुमारों की सहमति से ही प्रधानमंत्री की माताजी को गालियां दी गई। इन गालियों की प्रतिक्रिया में बिहारवासियों ने भी अभी तक संयम बरतने और चुप ही रहने की नीति अपनाई हुई है क्युकी जवाब वोट से देना है । जरा दिमाग पर जोर डालिये और मात्र दस साल पहले अगस्त, 2014 को याद कीजिये जब कांग्रेस ने प्रशांत किशोर को ठेका दिया था राहुल गांधी को राजनीति में चमकाने का ! प्रशांत ने कथित रूप से 350 करोड़ में राहुल गांधी को राजनीति का सूरज बना देने का कॉन्ट्रेक्ट साइन किया था। अगस्त के आखिर में प्रशांत किशोर ने बाकायदा सोशल मीडिया पर एक विज्ञप्ति निकाली थी कि जो लोग सोशल मीडिया पर लिखने में एक्सपर्ट हैं, वे उससे जुड़े ओर करीब 60 हजार लोगों की लिस्ट बनी। मुंबई में एक मीटिंग रखी गई, दूसरी बनारस में। लगभग पांच हजार लोगों को छांट कर एक आईटी सेल बनाई गई जो दिन रात कांग्रेस को अपग्रेड करते थे और बाद में अब उन्हें वोट चोरी नामक फर्जी एजेंडे को हाईलाइट करने के लिए एक्टिव किया गया है।
‘कैम्ब्रिज अनालिटिका’ को भी याद कीजिये कि हजार करोड़ लेकर कांग्रेस से सरकार बनवाने का कॉन्ट्रेक्ट इसी कम्पनी ने लिया था। ये केैम्ब्रिज अमेरिकी कम्पनी है जिसने ट्रम्प का प्रचार किया था और कांग्रेस ने इसी बेस पर इसे राहुल गांधी के लिये हजार करोड़ देकर यहां भारत मे एप्रोच किया। अब प्रशांत किशोर ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया हैं लेकिन जाते-जाते करोड़ों रुपए का आईटी सेल दे दिया । उसकी बनाई आईटी सेल के हर व्यक्ति को बीस हजार महीने से लेकर योग्यता अनुसार कथित रूप से लाख से ऊपर तक महीने की तनख्वाह दी जाती है। प्रशिक्षण देकर मोदी से मुकाबला के लिए तैयार किया जाता हैं। हर विषय को कैसे हैंडल करना हैं, इस पर बाकायदा किताबें छपी हुई हैं और ये सब लोग दिन-रात अपनी तनख्वाह बढ़ाने के चक्कर में सोशल मीडिया पर लगे हुए हैं जो आज भी जारी है और हर महीने सेंकड़ों करोड़ पानी की तरह इन पर कांग्रेस बहा रही है पर रिज़ल्ट ज़ीरो।
अब ‘द वायर’ , जन – संवाद जैसी हजारों वेबसाईट और ब्लॉग धड़ल्ले से चल रहे हैं जिनका काम सिर्फ फर्जी न्यूज और लिंक क्रिएट करना है और वही न्यूज बनानी है जो आईटी सेल चाहती है। कैम्ब्रिज ने इनसे दो कदम आगे बढ़कर वो फार्मूला आजमाया जो ये गोरे शुरू से आजमाते रहे हैं। केम्ब्रिज ने 2014 के वोट प्रतिशत और किस जगह से कितने आये, किस जाति से कितने आये, इसकी डिटेल निकाली और इन वोटों को तोड़ने की उसने बाकायदा आधिकारिक घोषणा की कि वह इस हिंदुत्व की एकता को ही तोड़ देंगे ‘न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी’। अब वोट चोरी वाले अफवाह को फैलाने के इस गेम को समझिये कि कहाँ से आया हैं ! फोटोशॉप जो नफरत फैलाते हैं इन्हें सक्रिय किया गया , कैसे गलत न्यूज रातों रात वायरल हो जाती हैं उस महाराष्ट्र वोट आंकड़े से उलझाया , कैसे मोदी के बयान को तोड़कर उसे गलत सिद्ध करने के लिये तुरन्त लिंक न्यूज फैल जाते हैं ? कैसे अखबार की एडिट कटिंग तुरन्त मिल जाती है? लेकिन बात यहीं तक नही है।
ये मोदी विरोध के चक्कर में कब देश का विरोध करने लगे, इन्हें भी नहीं पता! कब जातिवाद के चक्कर में धर्म को गालियां देने लगे, इन्हें भी नही पता। मोदी विरोध के फेर में ये भारत को ही गालियां देने लगे हैं। हां ! कथित तौर पर आइटी सेल के हर व्यक्ति को मोदी विरोध का पैसा मिलता है। जो जितना ज्यादा प्रभावी ढंग से विरोध करेगा, उतना ही ज्यादा पैसा है लेकिन इसका ये मतलब तो नहीं कि हमारी अक्ल घास चर रही है। केवल चार साल में इनका फैलाया जहर इस हद तक फैल गया कि दिमाग में एक दूसरे के लिये सिर्फ नफरत को जगह है…बाकी ब्लैंक । इंडी गठबंधन की इस वोट यात्रा में ज्यादातर लंपट किस्म के ही लोग थे जो दोनों राजकुमारों के ब्रिगेड में शामिल हैं और बिहार में एक दफा फिर से जंगलराज लाने के लिए काम कर रहे हैं। अगर बिहार में इंडी गठबंधन की सरकार आ गई तो यह तो है कि तब लालू राज से भी खतरनाक जंगलराज कायम हो जाएगा और तब राज्य से बचा खुचा उद्योग-व्यापार भी पलायन कर लेगा। इससे राहुल गांधी का क्या बिगड़ना है, भुगतेंगे तो बिहार के गरीब। राहुल तो पॉलिटिकल टूरिज्म पर बिहार आए हैं। राजद-कांग्रेस-माले की वोट रैली के दौरान दरभंगा में यूथ कांग्रेस के नेता मोहम्मद नौशाद ने मंच से सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री को मां की गाली दी है। गालियां एक बार नहीं जोर-जोर से चिल्ला-चिल्लाकर कई-कई बार दी गईं हैं।

पंकज सीबी मिश्रा / राजनीतिक विश्लेषक एवं पत्रकार जौनपुर यूपी