कानपुर। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में “रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष योजना” की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में विभागीय अधिकारियों ने योजना की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। बैठक में कुल 50 प्रकरणों पर विचार किया गया, जिनमें से 14 प्रकरणों को स्वीकृति प्रदान की गई। इन प्रकरणों में पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को कुल 54 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराई गई।
जिलाधिकारी ने कहा कि योजना का उद्देश्य पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को समय पर न्याय एवं आवश्यक आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराना है। उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित किया कि पॉक्सो, दुष्कर्म, एसिड अटैक और मृत्यु से जुड़े मामलों में एफआईआर दर्ज होते ही पीड़िता या परिजनों के बैंक खाते का विवरण अनिवार्य रूप से प्राप्त किया जाए, जिससे सहायता राशि सीधे उनके खातों में स्थानांतरित की जा सके।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन मामलों में बैंक विवरण उपलब्ध नहीं हैं, उनमें संबंधित पीड़िताओं/परिजनों से तत्काल संपर्क कर जानकारी प्राप्त की जाए। प्रत्येक प्रकरण को संवेदनशीलता और गंभीरता से निपटाया जाए तथा लंबित मामलों का प्राथमिकता से निस्तारण सुनिश्चित हो।
जिलाधिकारी ने कहा कि “उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष योजना नियमावली” के अंतर्गत
एसिड अटैक (धारा 326-ए आईपीसी)
दहेज हत्या (धारा 304-बी आईपीसी)
दुष्कर्म एवं पास्को से संबंधित गंभीर अपराध (धारा 3/4, 5/6, 14 पॉक्सो, धारा 376-ए, 376-सी, 376-डी आईपीसी)
हत्या (धारा 302 आईपीसी) के साथ पॉक्सो की धारा 4 या 6
जैसे प्रकरणों में पीड़िताओं को एक लाख से लेकर दस लाख रुपये तक की आर्थिक क्षतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाती है।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि योजना के संचालन में किसी भी प्रकार की शिथिलता स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि योजना की प्रगति की नियमित मासिक समीक्षा की जाए तथा विस्तृत रिपोर्ट अनिवार्य रूप से प्रस्तुत की जाए।