तिरुवनंतपुरम: केरल में IAS अफसर के मोबाइल नंबर से बने ‘हिंदू’ और ‘मुस्लिम’ ग्रुप का मामला बढ़ता जा रहा है. दिवाली के दिन यानी 31 अक्टूबर को आईएएस अधिकारी के गोपालकृष्णन द्वारा इस्तेमाल किए गए फोन नंबर से 2 ग्रुप बनाए गए थे, जो हिंदू और मुस्लिम समुदाय में बंटे हुए थे. इस तथाकथित ग्रुप में 11 हिंदू आईएएस अधिकारी शामिल थे. यह मामला तब सामने आया जब खुद गोपालकृष्णन द्वारा इसकी शिकायत दर्ज कराई गई. उन्होंने शिकायत में कहा कि उनका फोन हैक हो गया है. इस मामले में अब सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
उद्योग मंत्री पी राजीव ने सोमवार को कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी मिली है और यह मामला अपने आप में ‘गंभीर’ है. पी राजीव ने कहा,’भले ही इसका मेरे विभाग से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन हम सभी इस मामले से अवगत हैं. हम पूरे मामले की जांच करेंगे और यह पता लगाएंगे कि यह कैसे हुआ. इसके अलावा, मीडिया ने भी बताया है कि मुस्लिम अधिकारियों का एक ऐसा ही समूह है. इसलिए हम इस मामले की जांच करेंगे.’ उन्होंने आगे कहा कि IAS अफसरों के लिए एक सामान्य आचार संहिता होती है जो सार्वजनिक प्रशासन विभाग के तहत आती है.
पिछले सप्ताह ही यह मामला सामने आया था और विवाद का विषय बन गया था. जब अधिकारियों ने गोपालकृष्णन को इसकी जानकारी दी तो ये अकाउंट डिलीट हो गए. जल्द ही अधिकारी ने केरल पुलिस की साइबर ब्रांच से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि उनका फोन हैक किया गया था और वे इसकी जांच चाहते थे. उनका कहना है कि उनकी रजामंदी के बिना उनके संपर्कों का उपयोग करके दो ग्रुप बनाए गए. शिकायत के मुताबिक अधिकारी के नंबर से ‘Mallu Hindu Officers’ और ‘Mallu Muslim Officers’ नाम से दो WhatsApp ग्रुप बनाए गए.
टाइम्स ऑफ इंडिया को एक अफसर ने नाम ना छापने की शर्त बताया कि अधिकारियों के बीच कई तरह के व्हाट्सएप ग्रुप होते हैं लेकिन यह पहली बार था जब धर्म की बुनियाद पर ग्रुप बनाया गया हो. उन्होंने बताया कि अलग-अलग कामों के लिए अलग ग्रुप हैं और भाषा समेत अलग-अलग विचारों पर आधारित ग्रुप्स भी होते हैं लेकिन यह स्पष्ट रूप से अलग था.