आजकल रोटी पर थूकने, जूस में मानव मूत्र मिलाने या मिठाई में मानव अपशिष्ट मिलाने की घटनाएं काफी देखने को मिल रही हैं। इसलिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पहचान छिपाकर खाद्य व पेय पदार्थों में मिलावट करने और उत्पादों में मानव मल, अखाद्य तथा गंदी चीजें मिलाने की घटनाओं को रोकने के लिए जल्द ही नया कानून लाएगी। हालांकि योगी सरकार की इस घोषणा पर विपक्ष की अलग राय है लेकिन यह भी देखना चाहिए कि समाज में आखिर हो क्या रहा है। हम आपको बता दें कि इस प्रकार की ताजा घटना उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से सामने आई जहां एक घरेलू काम करने वाली महिला पर आरोप लगा है कि वह अपने मूत्र से आटा गूंध कर रोटी बनाती थी। बताया जा रहा है कि एक सोसायटी में रहने वाली महिला ने अपनी मेड पर आरोप लगाया है कि वह बर्तन में यूरीन पास कर उससे रोटी बनाती थी। महिला ने इस मामले में पुलिस में शिकायत भी की है। बताया जा रहा है कि आरोपी मेड को पकड़ लिया गया है और नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। हम आपको बता दें कि पीडि़ता ने अपनी शिकायत में कहा है कि 8 साल से काम कर रही मेड पर जब उसे शक हुआ तो उसने उसकी गतिविधियों को मोबाइल से रिकॉर्ड करना शुरू किया। इस दौरान उसने देखा कि वह बर्तन में यूरीन पास कर उसमें आटा लेकर रोटी बनाती हुई दिखाई दे रही है। इसके बाद उन्होंने उससे इस बारे में बात की तो वह गुमराह करने लगी। महिला के अनुसार, उनके परिवार के लोग कुछ महीनों से लीवर की परेशानी से जूझ रहे हैं। उन्हें इस बात का शक है कि इसी कारण से ऐसा हो रहा है।
योगी ने कहा कि ऐसी असामाजिक गतिविधियों पर सख्ती से अंकुश लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक उपभोक्ता को खाद्य व पेय पदार्थों के विक्रेता और सेवा प्रदाताओं के बारे में आवश्यक जानकारी रखने का अधिकार होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक खाद्य प्रतिष्ठान को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी दुकान में कोई भी खाद्य पदार्थ दूषित न हो। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रतिष्ठानों के रसोईघर और भोजन कक्ष में सतत निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होना चाहिए, जिनकी कम से कम एक महीने की फुटेज जिला प्रशासन द्वारा मांगे जाने पर हर समय उपलब्ध कराई जानी चाहिए।