राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य कांवड़ यात्रा में शामिल भक्तों को लेकर विवादिय बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ये कांवड़िये नहीं हैं; ये सरकार द्वारा संरक्षित गुंडे, माफिया, अपराधी हैं। उन्होंने दावा किया कि कांवड़ियों की आड़ में ये अपराध और अत्याचार करके पूरे प्रदेश में भय और आतंक का माहौल बना रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने मांग की कि सरकार को इस पर रोक लगानी चाहिए, अन्यथा उसे भी जवाबदेह होना पड़ेगा।
पिछले हफ़्ते, मेरठ में कांवड़ियों ने एक स्कूल बस में तोड़फोड़ की, जब कथित तौर पर एक स्कूल बस उनमें से कुछ को टक्कर मार गई थी। वायरल हुए वीडियो में, गुस्साए तीर्थयात्री बस में चढ़ते और ड्राइवर की पिटाई करते और उसके शीशे तोड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक अन्य घटना में, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन टिकट को लेकर हुए विवाद में कांवड़ियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक जवान को घूंसा मार दिया। इस मामले में सात कांवड़ियों को गिरफ्तार किया गया है।
कई शिकायतों के बीच, उत्तर प्रदेश ने 23 जुलाई को समाप्त होने वाली इस यात्रा के दौरान कांवड़ियों के लाठी, त्रिशूल, हॉकी स्टिक और इसी तरह की अन्य चीज़ें ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रशासन ने ध्वनि प्रदूषण और सार्वजनिक उपद्रव को रोकने के लिए बिना साइलेंसर वाली मोटरसाइकिलों के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीर्थयात्रियों के समर्थन में खुलकर सामने आए हैं और मीडिया के एक वर्ग पर उन्हें गलत तरीके से ‘गुंडे’ बताने का आरोप लगाया है।