गर्मी के दिनो में मच्छर अधिक काटते हैं क्योंकि हमारे शरीर से निकलने वाले पसीने में लैक्टिक एसिड और अमोनिया होता है, जो मच्छरों को अपने तरफ आकर्षित करता है।
मच्छर क्यों खास ब्लड ग्रुप के लोगों को टारगेट करते हैं?
मच्छर मानव शरीर से निकलने वाले सभी रासायनिक संकेतों को पहचानते हैं, जो उनके अपनी तरफ खींचने वाला हो सकते हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, मच्छर मुख्य रूप से ओ-नेगेटिव (O-negative) और बी-नेगेटिव (B-negative) ब्लड ग्रुप के लोगों को अधिक आकर्षित करते हैं। यह मुख्य रूप से उन रासायनिक संकेतों पर आधारित है, जो शरीर से निकलते हैं।
इन्हें मुख्य रूप से कार्बनिक यौगिकों जैसे यूरिक एसिड, कार्बनडाइऑक्साइड, और शरीर की त्वचा से निकलने वाली खामियों की गंध आकर्षित करती है। खास बात यह है कि O-ग्रुप वाले लोगों की त्वचा से निकलने वाली रासायनिक गंध मच्छरों को सबसे ज्यादा आकर्षित करती है। इसके अलावा, इन लोगों की त्वचा पर मौजूद बैक्टीरिया भी मच्छरों को आकर्षित कर सकते हैं।
उच्च कार्बनडाइऑक्साइड उत्सर्जन भी मच्छरों के लिए एक बड़ा संकेत है, जो कि विशेष तरह से रात में सक्रिय होते हैं। इसके साथ ही, शरीर की गर्माहट और व्यस्तता भी मच्छरों को आकर्षित कर सकती है। इसलिए, जिन लोगों का ब्लड ग्रुप O या B है, वे सामान्यतः मच्छरों का सबसे प्रिय भोजन बन जाते हैं।
क्यों मच्छर इन ब्लड ग्रुप के लोगों के दुश्मन होते हैं?
मच्छर इन विशेष ब्लड ग्रुप के व्यक्तियों को क्यों ज्यादा काटते हैं, इसका कारण यह है कि वे उनके रासायनिक संकेतों को पहचानकर उन्हें आसानी से टारगेट कर लेते हैं। यह उनके लिए एक तरह का “प्राथमिकता” का संकेत है।
मच्छर अपने होम में और भोजन के स्रोत के रूप में इन व्यक्तियों को अधिक पसंद करते हैं क्योंकि इनके रक्त में मौजूद रासायनों के कारण मच्छरों को उनके शरीर का तापमान और गंध ज्यादा आकर्षक लगती है। इसके परिणाम के अनुसार, उन व्यक्तियों को मच्छरों से काटने का खतरा अधिक रहता है, जो कि संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ा सकता है।
अंत में, यह समझना जरूरी है कि मच्छर मुख्य रूप से शरीर की बाहरी संकेतों और रासायनिक संकेतों से आकर्षित होते हैं। इसलिए, जिन लोगों का ब्लड ग्रुप O या B है, उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, जैसे कि मच्छरदानी का उपयोग, मच्छर भगाने वाली क्रीम का प्रयोग करना चाहिए।