राजेंद्र केसरवानी
कानपुर। शहर में नगर निगम की लापरवाही ने एक बार फिर एक महिला को अपनी चपेट में लिया। ट्रांसपोर्ट नगर, ढकना पुरवा में ऑक्सफोर्ड स्कूल से महज 20 मीटर की दूरी पर खुले मैनहोल ने पत्रकार आरके सिंह की पत्नी सबिता कुमारी सिंह को गंभीर खतरे में डाल दिया। बारिश के कारण गलियों में भरे पानी ने मैनहोल को अदृश्य कर दिया, जिसके चलते स्कूल से अपने बच्चों को लेने गईं यह महिला उसमें गिर गईं। हादसे में उन्हें शरीर पर कई जगह चोटें आईं, और स्थानीय लोगों की मदद से बड़ी मुश्किल से उन्हें बाहर निकाला जा सका। महिला ने घर पहुंचकर प्राथमिक उपचार लिया, लेकिन इस घटना ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
हादसे का कारण: बारिश और लापरवाही का घातक मिश्रण
घटना दोपहर 2 बजे की है, जब पत्रकार की पत्नी अपने बच्चों को स्कूल से लेने गई थीं। स्कूल की छुट्टी के दौरान अचानक हुई बारिश ने गलियों को जलमग्न कर दिया। पानी के इस सैलाब में खुला मैनहोल नजर नहीं आया, और अनजाने में वह उसमें जा गिरीं। स्थानीय लोगों ने बताया कि ढकना पुरवा में जलभराव और खुले मैनहोल की समस्या कोई नई नहीं है। पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन नगर निगम और स्थानीय प्रशासन ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
पत्रकार का आक्रोश: सिस्टम पर उठाए सवाल
घटना से आहत पत्रकार आरके सिंह ने नगर निगम की लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने स्थानीय पार्षद, जोन 3 के जोनल अधिकारी और नगर आयुक्त के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। इसके साथ ही, उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त करने की अपील की है। सिंह ने कहा, “यह सिर्फ मेरे परिवार के साथ नहीं, बल्कि शहर के हर नागरिक के साथ हो सकता है। नगर निगम की उदासीनता जानलेवा साबित हो रही है।”
स्थानीय लोगों का गुस्सा: बार-बार की अनदेखी
स्थानीय निवासियों ने भी इस घटना पर गहरा रोष जताया। उनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में जलभराव और खुले मैनहोल की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। कई शिकायतों के बावजूद, नगर निगम ने न तो जल निकासी की व्यवस्था की और न ही मैनहोल को सुरक्षित करने के लिए कोई कदम उठाया। एक स्थानीय निवासी ने बताया, “हर बारिश में गलियां तालाब बन जाती हैं, और खुले मैनहोल मौत का जाल बिछाते हैं। आखिर कब तक हमारी जान जोखिम में रहेगी?
नगर निगम की चुप्पी, जनता में आक्रोश
इस घटना ने एक बार फिर नगर निगम की लचर व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सवाल यह है कि आखिर कब तक शहरवासी खुले मैनहोल और जलभराव जैसी समस्याओं से जूझते रहेंगे? क्या इस हादसे के बाद नगर निगम कोई ठोस कदम उठाएगा, या यह भी पहले की तरह अनदेखी का शिकार हो जाएगा? जनता अब जवाब और कार्रवाई की मांग कर रही है।
आगे क्या?
पत्रकार आरके सिंह ने इस मामले को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ने का मन बनाया है। साथ ही, स्थानीय लोग भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की तैयारी में हैं। यह घटना शहर के लिए एक चेतावनी है कि अगर समय रहते व्यवस्था नहीं सुधरी, तो ऐसे हादसे और भी भयावह रूप ले सकते हैं।