जिस तरह आजकल शादियां लगातार टूट रही हैं, आए दिन शादी टूटने की खबरें सामने आ रहे हैं, इसी को लेकर एकांतिक वार्ता में प्रेमानंद महाराज से एक प्रश्न किया गया कि शादी होने के बाद भी आखिर रिश्ते क्यों टूट रहे हैं? आईए जानते हैं प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा?
प्रेमानंद महाराज ने कहा के रिश्ते कैसे चलेंगे, आजकल बच्चों के चरित्र पवित्र नहीं हैं। मान लो अगर चार होटल के भोजन खाने की जुबान में आदत पड़ गई है तो घर की रसोई का भोजन अच्छा नहीं लगेगा। जब चार पुरुषों से मिलने की आदत पड़ गई है तो एक पति को स्वीकार करने की हिम्मत उसमें नहीं रह जाएगी। ऐसे ही जब चार लड़कियों से व्यभिचार करता है तो वह अपनी पत्नी से संतुष्ट नहीं रह पाएगा, उसे चार से व्यभिचार करना पड़ेगा क्योंकि उसने आदत बना ली है।
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि 100 में कोई दो-चार कन्याएं ऐसी होंगी जो अपना पवित्र जीवन रखकर किसी पुरुष को समर्पित होती होंगी। कैसे वह लड़की सच्ची बहू बनेगी जो चार लड़कों से मिल चुकी है, जो चार लड़कियों से मिल चुका हो, क्या वह सच्चा पति बन पाएगा? जब मुगलों का आक्रमण हुआ तो पवित्रता के लिए जान दे दी लेकिन शरीर को छूने नहीं दिया। आज वही बच्चे ये सब क्या है?
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि अपने पति के लिए प्राण देने की भावना हमारे देश में रही है, चाहे हमारी जान चली जाए लेकिन मेरे पति का बाल बांका ना हो और आज पतियों के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है। अपनी पत्नी को प्राण माना गया है कहां हमारे देश की यह भाषाएं गईं? जब बच्चे-बच्चियों ही पवित्र नहीं है, अगर किसी तरह से पवित्र मिल जाएं तो भगवान का वरदान समझिए। हम कहते हैं जो बचपने में जो हुआ, जो गलती हो गई लेकिन ब्याह होने के बाद उसे सुधर जाओ। बहुत विचित्र समय है।