हट सकता है भारत पर थोपा गया 25% एक्सट्रा ट्रैरिफ

टैरिफ को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिका भारत पर लगाए गए अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ को हटा सकता है। बताया जा रहा है कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड को लेकर जारी वार्ता सकारात्मक दिशा की ओर है। इससे काफी राहत मिलने वाली है और शेयर बाजार भी तेजी की रफ्तार पकड़ सकता है। हाल ही में अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत हुई थी और इन्होंने एक-दूसरे की तारीफ भी की थी। इसके साथ ही इन्होंने जल्द ही दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर कुछ अच्छी खबर के भी संकेत दिए थे।

मिली जानकारी के अनुसार, मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन ने आज गुरुवार को उम्मीद जताई है कि अमेरिका भारत पर लगाए गए 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ जल्द ही हटा सकता है। बता दें कि अभी अमेरिका भारत पर कुल 50 फीसदी का टैरिफ लगाया हुआ है, इसमें से 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ भी शामिल है। अब इस अतिरिक्त टैरिफ को अमेरिका हटा सकता है।

30 नवंबर के बाद हट सकता है अतिरिक्त टैरिफ?

मिली जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक कार्यक्रम में भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन ने बड़ी जानकारी देते हुए बड़ी उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा है, “मुझे पूरा भरोसा है कि अगले कुछ महीनों में कम से कम 25% के एक्स्ट्रा टैरिफ का समाधान जरूर निकल आएगा।”

बताया जा रहा है कि भारत पर अमेरिकी टैरिफ को लेकर अगला 8 से 10 हफ्ता बहुत ही खास होने वाले हैं। इन दोनों देशों के बीच यानी भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते के सकारात्मक चर्चा होने की बात कही जा रही है। इससे जल्द ही भारत को टैरिफ से राहत की खबर मिल सकती है। संभावना जताई जा रही है कि 30 नवंबर या उससे बाद अमेरिका भारत पर लगाए गए अतिरिक्त 25 फीसदी के टैरिफ को हटा सकता है।

अमेरिका ने भारत पर क्यों लगाया 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी का भारी भरकम टैरिफ लगाया है। इससे भारत से अमेरिका जाने वाले सामानों पर अमेरिकी सरकार 50 फीसदी का टैक्स वसूली कर रही है। ट्रंप ने भारत पर सबसे पहले 25 फीसदी का टैरिफ लगाया था। उसके बाद उन्होंने अतिरिक्त 25 फीसदी का टैरिफ लगाया। ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी का टैरिफ यह कहते हुए लगाया कि भारत रूस से तेल की खरीदारी करता है, जिसके कारण रूस को यूक्रेन के साथ युद्ध करने में मदद मिलती है। हालांकि, भारत ने स्पष्ट कहा था कि भारत सरकार अपनी जनता के हित के लिए जो सही होगा और राष्ट्रहित में जो कुछ भी होगा, वो करेगी।
वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यह स्पष्ट कर दिया था कि भारत नहीं बल्कि चीन रूस से सबसे अधिक तेल की खरीदारी करता है। लेकिन यहां बता दें कि ट्रंप ने चीन पर कोई भारी भरकम टैरिफ नहीं लगाया है।

भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता 

अब एक बार फिर से भारत और अमेरिकी के बीच व्यापार वार्ता सही होती दिख रही है। भारत और अमेरिका ने इस वर्ष मार्च में एक न्यायसंगत, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के लिए वार्ता शुरू की, जिसका लक्ष्य अक्टूबर-नवंबर 2025 तक समझौते के पहले चरण को पूरा करना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Breaking News
खालिस्तान पर PM मोदी का ब्रिटेन को कड़ा संदेश, लोकतंत्र में कट्टरपंथ के लिए जगह नहीं | विकास की नई राह! गडकरी बोले- 2027 तक ठोस कचरे से होगा सड़क निर्माण, बदलेगा भारत | कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान हिमस्खलन में एक सैनिक की मौत, एक अन्य लापता | किन-किन देशों में भेजी गई कफ सिरप, 22 बच्चों की मौत के बाद WHO ने भारत से पूछा
Advertisement ×