गुजरात के सूरत शहर में गणपति उत्सव के दौरान कुछ लोगों ने एक पंडाल में पथराव किया जिससे भगवान गणेश की मूर्ति खंडित हो गई। इस घटना से हिंदू समुदाय की भावनाएं आहत होता देख गुजरात सरकार ने उपद्रवियों के खिलाफ जो सख्त कार्रवाई की वह अपने आप में मिसाल बन गयी। घटना की जानकारी मिलते ही देर रात को गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी घटनास्थल पर पहुँचे और स्पष्ट कहा कि कानून व्यवस्था सभी के लिए समान है, शांति प्रिय गुजरात में अशांति फैलाने वालो को जरा भी नहीं बख्शा जाएगा। इसके बाद पुलिस ने उपद्रवियों की तलाश में छापेमारी शुरू की और सूरज उगने से पहले ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने ट्वीट किया कि जैसा कि मैंने वादा किया था, सूरज उगने से पहले हमने पत्थरबाजों को पकड़ लिया है! उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा कि 6:30 am सूरत अपडेट। यहाँ विवरण हैं: 27 पत्थरबाज गिरफ्तार, सीसीटीवी, वीडियो विजुअल्स, ड्रोन विजुअल्स और अन्य तकनीकी निगरानी कार्य अभी भी जारी है। सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारी टीमें पत्थरबाजों की पहचान करने और उन्हें सजा दिलाने के लिए पूरी रात काम कर रही थीं और अभी काम रही हैं। जय गणेश!!” बाद में उन्होंने मीडिया को दिये बयान में कहा कि जो कायदे में रहेगा वो फायदे में रहेगा।
हम आपको यह भी बता दें कि रविवार देर रात सैयदपुरा में घटी इस घटना के सिलसिले में जब स्थानीय युवकों को हिरासत में लिया गया तो करीब 300 लोगों ने लालगेट थाने का घेराव किया और अपने समुदाय के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई का विरोध किया। सूरत के पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि घेराव के दौरान दो समूहों ने एक दूसरे पर पथराव किया जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए और पुलिस की एक गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई। उन्होंने कहा कि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले छोड़े। गहलोत ने कहा कि हमारे पास सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग हैं जिनका इस्तेमाल आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए किया जाएगा और उन्हें कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
जिन लोगों ने मूर्ति पर पत्थर फेंके थे, उन पर भारतीय न्याय संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें गैरकानूनी तरीके से एकत्र होना, किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना, और किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करना शामिल है। पुलिस ने कहा कि हिंसा में शामिल भीड़ के सदस्यों पर दंगा फैलाने, गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने आदि के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि इन घटनाओं के सिलसिले में अब तक 32 लोगों को हिरासत में लिया गया है और दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। पुलिस के मुताबिक, एक ऑटोरिक्शा में सवार कुछ उपद्रवियों ने गणेश पंडाल में पत्थर फेंके जिससे मूर्ति खंडित हो गई।