राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना के सौ वर्ष पूर्ण होने पर गर्वान्वित है सम्पूर्ण भारत  

  • थाईलैंड में वाराणसी की संस्था ब्रह्मराष्ट्र एकम् का अंतराष्ट्रीय सम्मेलन
  • थाई-फिजी जैसे छोटे राष्ट्र आज सनातन की वजह से समृद्ध

विश्व में सनातन को सर्वश्रेष्ठ बताने वाले में केवल भारत ही नहीं अपितु थाईलैंड और फिजी जैसे कुछ छोटे और समृद्ध देश भी है जिनका मानना है कि सनातन संस्कृति को धरोहर के रूप में सहेजने के कारण ही आज यह स्थिति बनी है कि ये दोनों  छोटे राष्ट्र प्रगति और आर्थिक सम्पन्नता की दृष्टि से अन्य छोटे देशो बांग्लादेश नेपाल श्रीलंका इत्यादि से काफी बेहतर है। वाराणसी की लोकप्रिय संस्था ब्रह्मराष्ट्र एकम का प्रथम इंडिया–थाई सनातन धर्म सम्मेलन “वसुधैव कुटुम्बकम्” का शंखनाद 5 अक्टूबर को थाईलैंड में संपन्न हुआ। संस्था द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार रविवार को  बैंकॉक (थाईलैंड) में 5 अक्टूबर 2025 –ब्रह्मराष्ट्र एकम विश्व महासंघ द्वारा आयोजित प्रथम इंडिया–थाई सनातन धर्म सम्मेलन थाईलैंड में एक ऐतिहासिक संदेश देने का कार्य किया । यह आयोजन केवल एक सम्मेलन नहीं, बल्कि “वसुधैव कुटुम्बकम् – विश्व एक परिवार है” के दिव्य संकल्प को साकार करने का प्रयास रहा । इस सम्मलेन के पीछे का मूल उद्देश्य इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि भारत की सबसे सर्वश्रेष्ठ और समाजसेवी संस्था राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अर्थात आरएसएस नें अपने स्थापना के शताब्दी वर्ष में प्रवेश किया। डॉ हेडगेवार, वीर सावरकार और नरेन्द्र मोदी जैसे महान व्यक्तित्व जो इसी संघ की देन है जिनके प्रयास से आज भारत विश्व पटल पर चमक रहा।

ब्रह्मराष्ट्र एकम् जैसी राष्ट्रसेवा की मूल भावना वाली एवं धरातल पर उतर कर जनसेवा करने वाली संस्था भी आज संघ के नक्से कदम पर चल रही। ब्रह्मराष्ट्र एकम् संस्था के संस्थापक वर्तमान में  श्रीकुल पीठाश्वर  श्री श्री 1008 डॉ सचिन्द्र नाथ जी महाराज  ( पूर्व में डॉ सचिन मिश्र ) नें संस्था की शुरुआत जनसेवा और सनातन धरोहर संरक्षण के उद्देश्य से किया जो धीरे – धीरे देश में हरिद्वार उज्जैन असम जैसे राज्यों में  सनातनी अधिवेशनो से होता हुआ आज थाईलैंड की भूमि पर सनातन की पताका लिए खड़ा है जिसका श्रेय इस संस्था से जुड़े आचार्य दिवाकर द्विवेदी गुरूजी, पंडित सतीशचंद्र मिश्र, पंडित रविंद्र मिश्र, उपेंद्र मिश्र और कुशाग्र मिश्र जैसे उन सभी विभूतियों को जाता है जिन्होंने संस्था को निरंतर सहयोग किया है। ब्रह्मराष्ट्र एकम्  संस्था से जुड़े रहे और प्रदेश प्रिंट मिडिया के उप -संपादक और पत्रकार पंकज सीबी मिश्रा नें बताया कि भारत और थाईलैंड सहित विश्वभर से जुड़े संत-महात्मा और धर्मगुरु बैंकॉक में एकत्र होकर सनातन का शंखनाद किए । वासुदेव कुटुम्बकम के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है । यह शंखनाद विश्वभर में सनातन संस्कृति की ध्वनि को प्रसारित करेगा और शांति, भाईचारे एवं आध्यात्मिक जागरण का संदेश देगा।

ब्रह्मराष्ट्र एकम्स द्वारा आयोजित सम्मेलन का उद्देश्य यह बताना है कि सनातन संस्कृति केवल पूजा-पद्धति नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक कला है। ध्यान और योग को सच्चे विकास का आधार मानना। अध्यात्म को आत्मा और ईश्वर के बीच सेतु के रूप में स्थापित करना। ब्रह्मराष्ट्र एकम इस पहल से भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक शक्ति को विश्व के सामने प्रस्तुत कर रहा है। बैंकॉक की यह यात्रा केवल शुरुआत है और आगे चलकर यह आयोजन विश्वभर को जोड़ने वाला धर्म और संस्कृति का महाकुंभ सिद्ध होगा। सभी सनातन संस्कृति के संवर्धन और संरक्षण के लिए संकल्पित होकर सुख, शांति और समरसता को बढ़ावा देंगे। सनातन का उद्देश्य सदगुण, सदाचार और सद्वृत्तियों का प्रवेश ही जीवन में दैवत्व घटित हो जाना है। महत्वपूर्ण यह नहीं है कि आप विशिष्ट बनें अपितु यह है कि आप शिष्ट बनें।

यदि आप सदाचार युक्त, नीति युक्त, धर्ममय एवं निष्ठापूर्वक जीवन जीते हैं तो सत्य समझना आप दैवीय जीवन ही जीते हैं। देवता केवल वे नहीं जिन्होंने स्वर्ग में घर बनाया है अपितु वे हैं जिन्होंने घर को ही स्वर्ग बनाया है। हम सबको अपने जीवन में सदैव महान बनने की अपेक्षा एक अच्छे इंसान बनने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। जहाँ एक अच्छे और सच्चे इंसान का निर्माण होता है, महान बनने की प्रक्रिया भी वहीं से प्रारम्भ होती है। जीवन में एक अच्छा इंसान बनना ही महान बनना भी है। मनुष्य जन्म मिलना कोई बड़ी बात नहीं अपितु जीवन में मनुष्यता का जन्म होना, यह बहुत बड़ी और दुर्लभ बात है। मानवता ही जीवन की श्रेष्ठता भी है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे थाईलैंड के राजशाही कुलगुरु परिवार के अचान श्री फ्रा खरु विबुन धम्मथात, वचीराधाधम्मवस मंदिर बैंकाक थाईलैंड और कार्यक्रम के आयोजक पूज्य गुरु श्री श्री 1008 डॉ सचिन्द्र नाथ जी महाराज और श्रीकुल सहित पूर्ण संस्था परिवार रहा।

पंकज सीबी मिश्रा, राजनीतिक विश्लेषक एवं पत्रकार जौनपुर यूपी

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