कानपुर। युवाओं में बढ़ती गुस्से की प्रवृत्ति पर नियंत्रण के लिए मनोविज्ञान की सरल तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है। यह संदेश पीपीएन पीजी कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में दिया गया। कार्यशाला का आयोजन विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की पूर्व संध्या पर किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में किया।
उन्होंने कहा कि युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य की मजबूती के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना और डिजिटल तकनीक का संतुलित प्रयोग करना आवश्यक है। परिवार, संस्था और समाज मिलकर ही युवाओं को मानसिक रूप से सशक्त बना सकते हैं। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अनूप कुमार सिंह ने परिवार और समाज की भूमिका को रेखांकित करते हुए मानसिक स्वास्थ्य पर बल दिया। कार्यशाला में मनोसृजन संस्था के मनोवैज्ञानिक आशीष पांडे और उनकी टीम ने “एंगर आइसबर्ग” और “एंगर बर्स्ट” जैसी तकनीकों की विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय से स्वर्ण पदक प्राप्त मेधावियों को जिलाधिकारी द्वारा सम्मानित किया गया। साथ ही स्टार्टअप जगत में उल्लेखनीय योगदान देने वाले पूर्व विद्यार्थी तुषार त्रिवेदी (भारत टेक) और ऋचा शुक्ला (स्कारलेट ब्लिंक व नॉसीप्लास्ट) को भी सम्मानित किया गया। मुख्य वक्ता का परिचय डॉ. रिजवाना ने कराया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुमन सिंह और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मनु चौहान ने किया। संयोजन की जिम्मेदारी डॉ. आभा सिंह ने निभाई।