संस्था ने सुरक्षित गर्भ समापन एवं गर्भनिरोधक सेवाओं को लेकर कार्यशाला का किया आयोजन

कानपुर। कानपुर प्रेस क्लब में प्रसार संस्था एवं साॅझा प्रयास द्वारा सुरक्षित गर्भ समापन एवं गर्भ निरोधक सेवाओं को लेकर पत्रकारों के साथ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
पत्रकारों से अनचाहा गर्भ और गर्भपात पर चर्चा करते हुए प्रसार संस्था के कार्यक्रम संयोजक अभिषेक सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए बताया कि जहां एक तरह सरकार अपने विभिन्न विभागों के साथ समन्वय कर इस कुरीत को दूर करने के लिए कृत संकल्पित है वही मीडिया साथियों का एक साॅझा प्रयास नेटवर्क अपने साथी मीडिया साथियों के साथ इस मुद्दे पर निरंतर प्रयासरत है।
संस्था सचिव शिशुपाल ने बताया कि एमटीपी एक्ट संशोधन 2021 के मुख्य पांच बदलाव। पहला- विशेष श्रेणियां की महिलाओं के लिए गर्भपात की ऊपरी सीमा 20 सप्ताह से बढ़कर 24 सप्ताह कर दिया गया है। दूसरा- पर्याप्त भ्रूण विकृत के मामलों में गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भपात मेडिकल बोर्ड की अनुमति से कराया जा सकता है। तीसरा- गर्भनिरोधक साधनों की विफलता की स्थिति में अब गर्भपात की सेवा अविवाहित महिलाओं के लिए भी उपलब्ध है। चौथा- 20 सप्ताह तक के गर्भपात के लिए केवल एक प्रशिक्षित डॉक्टर और 20 से 24 सप्ताह के लिए दो प्रशिक्षित डॉक्टरों की राय जरूरी है। पांचवा- किसी भी महिला की गर्भपात संबंधी जानकारी की गोपनीयता के सुदृढ़ीकरण पर ज्यादा जोर दिया गया है।
मुख्य अतिथि के.डी. तिवारी ने बताया कि भारत में प्रतिदिन 13 महिलाओं की असुरक्षित गर्भपात से संबंधित कारणों से मृत्यु हो जाती है। साथ ही सैकड़ो महिलाएं गंभीर जटिलताओं का सामना करती हैं। यानी देश में होने वाली मातृ मृत्यु में से 8% असुरक्षित गर्भपात के कारण होती है। यदि किसी महिला को माहवारी के दिन चढ़ गए हो या उसे अनचाहे गर्भ के ठहरने की आशंका हो तो उसे बिना किसी देरी के नजदीकी आशा या एएनएम से संपर्क करना चाहिए या डॉक्टर को दिखाना चाहिए। अगर गर्भधारण की पुष्टि हो जाती है और महिला गर्भ नहीं रखना चाहती है तो उसे गर्भपात का निर्णय जल्दी ले लेना चाहिए। यदि लिंग जांच महिला के निर्णय का आधार ना हो और यदि गर्भ 20 -24 सप्ताह तक का हो तो संशोधित एमटीपी एक्ट 2021 के तहत गर्भपात कराया जा सकता है। अगर गर्भ 9 सप्ताह तक का हो तो गोलियां द्वारा भी गर्भपात किया जा सकता है। गर्भपात जितना जल्दी कराया जाए उतना ही सरल और सुरक्षित होता है।
कमलकांत तिवारी ने बताया कि एक महिला के लिए गर्भपात एक मुश्किल निर्णय हो सकता है। इस प्रक्रिया के दौरान महिलाएं कई की भावनाओं का अनुभव करती हैं। उसके पति एवं परिवार को महिला के निर्णय में सहयोग देना चाहिए और उसकी सुरक्षित और कानूनन सेवाएं लेने में मदद करनी चाहिए। सही जानकारी और आपसी सहयोग से हम देश में हो रही असुरक्षित गर्भपात संबंधित जटिलताओं की संख्या कम कर सकते हैं।
कार्यशाला में मुख्य रूप से परियोजना प्रभारी कानपुर मंजू लता दुबे, उड़ान सेवा संस्था से उषा तिवारी, फैमिली प्लानिंग काउंसलर रजनी प्रभा, डॉक्टर कंचन माला गुप्ता, साॅझा प्रयास से माया दुबे आदि मौजूद रही।

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