कानपुर। घर घर कूड़ा उठाने वाली कंपनियाँ नगर निगम को गलत तरीके से झूठी और फर्जी रिपोर्ट दे रही है। सफाई एवं खाद्य निरीक्षकों की जांच में दीक्षांक कंपनी के फर्जीवाड़े की असलियत सामने आ गई है। कंपनी की तरफ से कूड़ा उठाने को लगाई गई गाड़ियां सुबह कूड़ा ना उठाकर देर शाम तक उठा रही है। कंपनी की प्रगति रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले दो महीने में 40 फ़ीसदी तक कूड़ा उठान में सुधार हुआ है। लेकिन जब सफाई एवं खाद्य निरीक्षकों ने रिपोर्ट की हकीकत जानी तो कंपनी की रिपोर्ट में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। कूड़ा उठान की भेजी जा रही रिपोर्ट और भौतिक स्थिति में अंतर पाया गया। नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने कंपनी को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है। दीक्षांत कंपनी की ओर से जोन 3 और 4 के सभी वार्डों में घर-घर जाकर कूड़ा उठाने का काम किया जा रहा है। साथ ही कंपनी की ओर से लगातार लापरवाही भी खूब की जा रही है। कुछ दिन पहले ही नगर आयुक्त व महापौर ने बैठक कर घर-घर कूड़ा कलेक्शन के कार्य की समीक्षा की थी जिसमें पाया गया था कि कंपनी द्वारा घर-घर से कूड़ा कलेक्शन की प्रगति अच्छी नहीं थी।
दीक्षांक कंपनी जोनल स्वच्छता अधिकारी से शिकायत करने के बावजूद भी घर से नहीं उठा रही है कूड़ा। सबसे दिलचस्प मामला जोन 3 का है नौबस्ता, गल्ला मंडी, मिल्लत नगर निवासी बी.पी. साहू ने बताया कि उनके घर से कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है, जिसको लेकर कई बार जोन 3 के जोनल स्वच्छता अधिकारी आशीष बाजपेई से मौखिक, लिखित, फोन कॉल कर व मोबाइल व्हाट्सएप द्वारा अवगत कराते हुए शिकायत की। यहां तक की आईजीआरएस द्वारा भी शिकायत दर्ज कराई गई। अक्टूबर 2024 से मई 2025 तक में 10 बार से ज्यादा शिकायत कर चुके हैं। जब शिकायत की जाती है उस दिन कूड़ा घर से उठा लिया जाता है। उसके बाद हप्तों घर से कूड़ा नहीं उठाया जाता और घर में सड़ता रहता है, कुछ दिन बाद घर के लोग कूड़े को दूर ले जाकर कूड़ेघर में फेक देते हैं। गौर करने वाली बात तो यह है कि कूड़ा तो उठाते नहीं, लेकिन बेशर्मो की तरह पैसे मांगने जरूर चले आते हैं। झगड़ा करने तक उतारू हो जाते हैं।
दीक्षांक कंपनी आखिर किसके दम पर ऐसा कर रही है, क्योंकि शिकायत कर्ता के सामने ही जोनल स्वच्छता अधिकारी ने कई बार फोन पर घर से कूड़ा प्रतिदिन और समय से उठाने की चेतावनी दी। यहां तक की वेतन रोकने तक की बात कही। उसके बावजूद भी दीक्षांक कंपनी को किसी का डर नहीं है। आखिर जोनल स्वच्छता अधिकारी के आदेश को दीक्षांक कंपनी क्यों ठेंगे पर रखे हुए हैं?