कानपुर : रोमांस में रोड़ा बन रहे पति की हत्या कर पत्नी ने शव को दफनाया…. 12 KG डाला नमक

कानपुर में प्रेम और विश्वासघात की ऐसी खौफनाक कहानी सामने आई है, जिसे सुनकर लोग दंग रह गए। यहां एक पत्नी ने अपने भांजे के साथ अवैध संबंधों को छुपाने और रास्ते की रुकावट हटाने के लिए अपने ही पति की हत्या कर दी। इसके बाद शव को बगीचे में दफनाया गया और उस पर 12 किलो नमक डालकर सच को मिट्टी में दबाने की साजिश रची गई। उसने पति को चाय में नशीली दवा दी और फिर भांजे के साथ मिलकर उसका सिर कुचल दिया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है और खुदाई के बाद शव को बरामद कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक 50 साल के शिवबीर सिंह मूल रूप से बांदा के रहने वाले थे और गुजरात में नौकरी करते थे। 20 साल पहले उन्होंने वाराणसी की लक्ष्मी से लव मैरिज की थी। उनके तीन बच्चे हैं। छह साल पहले शिवबीर पत्नी और बच्चों के साथ अपने गांव सचेंडी के लालूपुर आ गए। गांव में मकान न होने के कारण उनके भांजे अमित ने उन्हें अपने घर के सामने जगह दी, जहां शिवबीर परिवार के साथ झोपड़ी बनाकर रहने लगे।

नवंबर 2024 में हुई थी हत्या, अगस्‍त 2025 में गुमशुदगी का मुकदमा और अब खुलासा

इसी दौरान अमित और उसकी मामी लक्ष्मी के बीच अवैध संबंध बन गए। जब ग्रामीणों से शिवबीर को अपनी पत्नी और भांजे के संबंधों का पता चला, तो वह शराब पीकर लक्ष्मी के साथ मारपीट करने लगा। लक्ष्मी ने पति को रास्ते से हटाने के लिए भांजे अमित के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई। 1 नवंबर 2024 की रात लक्ष्मी ने पूरे परिवार को चाय में नशीली गोलियां मिलाकर पिला दी।

जब सभी बेसुध हो गए तो लक्ष्मी ने अमित को बुलाया। अमित ने शिवबीर के सिर पर साबड़ से वार कर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद दोनों ने शव को घर से लगभग 500 मीटर दूर हरिपाल और देवपाल के बगीचे में दफना दिया। शव को जल्दी गलाने के लिए उन्होंने उस पर 12 किलो नमक भी डाला था।

बच्‍चों को बताया पापा नौकरी के लिए गुजरात गए हैं

सुबह जब बच्चे सोकर उठे और उन्होंने पिता के बारे में पूछा, तो लक्ष्मी ने बताया कि उन्हें नौकरी के लिए फोन आया था और वह देर रात गुजरात के लिए निकल गए। शिवबीर का बड़ा बेटा आनंद नौकरी के लिए राजस्थान चला गया था। वह अपनी मां लक्ष्मी से कई बार पिता के बारे में पूछता रहा, लेकिन लक्ष्मी हर बार टालमटोल करती रही। रक्षाबंधन पर जब आनंद घर आया और उसने पिता को साथ लाने की बात कही, तो लक्ष्मी ने कहा कि दो महीने से उसकी शिवबीर से बात नहीं हुई है।

शिवबीर की मां सावित्री देवी को शुरू से ही बहू और भांजे के रिश्ते पर शक था। जब बेटा अचानक गायब हुआ और फोन भी बंद हो गया तो उन्होंने थाना चौकी का दरवाजा खटखटाया। लेकिन पुलिस ने ‘गुजरात चला गया होगा’ कहकर मामला टाल दिया। सावित्री देवी थाने से लेकर पुलिस अधिकारियों के दफ्तर तक चक्कर लगाती रहीं। बेटे की गुमशुदगी की एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई।

करीब 10 महीने बाद, 19 अगस्त 2025 को सावित्री देवी ने हार न मानते हुए सीधे पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की। तब जाकर सचेंडी थाने में केस दर्ज हुआ। पुलिस ने जांच शुरू की और सबसे पहले लक्ष्मी के मोबाइल की कॉल डिटेल्स निकालीं। उसमें खुलासा हुआ कि पति के गुम होने के बाद से वह लगातार भांजे अमित से बात कर रही थी। जब अमित को उठाया गया और कड़ाई से पूछताछ हुई तो उसने सब उगल दिया फिर लक्ष्मी को थाने बुलाकर पूछताछ की गई और उसने भी अपना गुनाह कबूल कर लिया।

लक्ष्मी की निशानदेही पर पुलिस ने उसी बगीचे में खुदाई कराई जहां शव को दफनाया गया था। करीब 311 दिन बाद जमीन से हड्डियाँ, कपड़े और अन्य सामान बरामद हुए। मृतक के कपड़ों की पहचान उसके बेटे ने की। फॉरेंसिक जांच के लिए अवशेष भेजे गए हैं। पुलिस ने लक्ष्मी और अमित दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।

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