मंत्री राकेश सचान के प्रयासों से पुखरायां स्टेशन पर दो महत्वपूर्ण ट्रेनों का प्रायोगिक ठहराव स्वीकृत

कानपुर। प्रदेशवासियों विशेषकर बुंदेलखंड एवं कानपुर देहात क्षेत्र के यात्रियों के लिए बड़ी राहत की घोषणा करते हुए रेलवे बोर्ड ने पुखरायां रेलवे स्टेशन पर दो प्रमुख ट्रेनों का प्रायोगिक ठहराव स्वीकृत किया है। यह निर्णय उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान के सतत प्रयासों और पहल का प्रतिफल है।
मंत्री राकेश सचान ने क्षेत्रीय जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के रेल मंत्री को पत्र लिखकर पुखरायां स्टेशन पर ठहराव की आवश्यकता पर जोर दिया था। रेल मंत्री को लिखे गए इस अनुरोध पत्र में उन्होंने  उल्लेख किया था कि पुखरायां औद्योगिक और व्यापारिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण केंद्र है तथा यहाँ से बड़ी संख्या में यात्री प्रतिदिन देश के विभिन्न भागों की ओर आवागमन करते हैं। इस ठहराव से यात्रियों को प्रत्यक्ष सुविधा मिलेगी और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
रेलवे बोर्ड द्वारा जारी आदेश के अनुसार, ट्रेन संख्या 12173/74 लोकमान्य तिलक (टी)–एमबीडीडी प्रतापगढ़ उद्योग नगरी एक्सप्रेस तथा 12943/44 वलसाड–कानपुर उद्योगकर्मी एक्सप्रेस का प्रायोगिक ठहराव पुखरायां रेलवे स्टेशन पर शीघ्र सुविधाजनक तिथि से लागू होगा।
मंत्री राकेश सचान ने इस निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में निरंतर जनसुविधाओं का विस्तार कर रही है। पुखरायां स्टेशन पर ठहराव मिलने से न केवल यात्रियों को सहूलियत होगी बल्कि स्थानीय उद्योग-व्यापार को भी नई गति मिलेगी। उन्होंने क्षेत्र की जनता की ओर से रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के प्रति आभार प्रकट करते हुए आशा व्यक्त की कि भविष्य में और भी यात्री सुविधाएँ प्रदेश के विभिन्न स्टेशनों पर उपलब्ध कराई जाएँगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Breaking News
खालिस्तान पर PM मोदी का ब्रिटेन को कड़ा संदेश, लोकतंत्र में कट्टरपंथ के लिए जगह नहीं | विकास की नई राह! गडकरी बोले- 2027 तक ठोस कचरे से होगा सड़क निर्माण, बदलेगा भारत | कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान हिमस्खलन में एक सैनिक की मौत, एक अन्य लापता | किन-किन देशों में भेजी गई कफ सिरप, 22 बच्चों की मौत के बाद WHO ने भारत से पूछा
Advertisement ×