कानपुर। ग्राम पंचायतों की कार्यशैली और विकास कार्यों का आकलन अब पारदर्शी और वैज्ञानिक तरीके से होगा। इसके लिए पंचायत उन्नयन सूचकांक (पीएआई) संस्करण 2.0 को लेकर गुरुवार को सरसैया घाट स्थित सभागार में जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में विभागीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का उद्देश्य विभिन्न विभागों को पीएआई की प्रक्रिया से अवगत कराना और ग्राम पंचायतों के सशक्तिकरण के लिए डेटा आधारित मूल्यांकन की दिशा में कदम बढ़ाना था।
जिलाधिकारी ने कहा कि अब पंचायतों की प्रगति 12 विभागों से जुड़े 174 विशिष्ट सूचकांकों के आधार पर उनकी कार्यशैली का मूल्यांकन किया जाएगा। इन सूचकांकों को सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के 9 प्रमुख क्षेत्रों से जोड़ा गया है, जिसमें स्वच्छता, पोषण, शिक्षा, जल संरक्षण, पर्यावरण सुरक्षा, लैंगिक समानता और सामाजिक समावेशन जैसे मानक शामिल हैं।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि विकास योजनाओं की प्रभावशीलता तभी सुनिश्चित होगी जब ग्राम पंचायत स्तर पर सटीक आंकड़े जुटाकर, उन्हें उपयोगी योजना निर्माण में लगाया जाए। पीएआई उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी दिव्या, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरिदत्त नेमी, परियोजना निदेशक डीआरडीए, जिला कृषि अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, अर्थ एवं संख्याधिकारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।