परिवार में तनाव लगातार बढ़ता रहा और रिश्तों में दूरियां गहराने लगीं। बाहर से यह सब एक सामान्य पारिवारिक विवाद जैसा लगता था, लेकिन इसके पीछे एक खतरनाक साजिश पनप रही थी, जिसकी परिणति एक खौफनाक हत्या के रूप में हुई। यह मर्डर मिस्ट्री तब और भी चौंकाने वाली बन गई जब इसमें एक मासूम बच्चा अहम किरदार बनकर सामने आया और अपने पिता की हत्या की असली गवाह बन गया।
बच्चे ने बताया कि उसने अपनी मां को पिता की हत्या करते हुए देखा था। उसकी गवाही ही पुलिस के लिए निर्णायक साबित हुई। बच्चे की निशानदेही और बयान के आधार पर महिला को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना ने जहां एक मासूम को अपने पिता से छीना, वहीं मां को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। ये कहानी सिर्फ एक मर्डर केस नहीं, बल्कि रिश्तों की जटिलता, प्यार के नाम पर किए गए अपराध और मासूम की हिम्मत का प्रतीक बन गई है। ‘अजब प्यार की गजब कहानी’, जिसने पूरे राजस्थान को झकझोर कर रख दिया। सोनम और राजा रघुवंशी की सनसनीखेज कहानी की तरह ही राजस्थान के अलवर जिले में घटा अनीता राज और इंद्रमोहन जाटव का मामला भी रहस्यमयी मोड़ों और भावनाओं के भंवर से भरा हुआ है।
यह कहानी शुरू होती है साल 2010 से, जब अनीता राज की शादी भुसावर थाना क्षेत्र के एक पढ़े-लिखे युवक इंद्रमोहन जाटव से हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार हुई। शादी के कुछ सालों तक सबकुछ सामान्य रहा। दोनों का एक बेटा भी हुआ। समय बीतने के साथ इंद्रमोहन और उसके परिवार ने अलवर के खेरली रेल इलाके में नया मकान बना लिया, जहां अनीता राज अपने पति और ससुराल वालों के साथ रहने लगी। यहीं से कहानी ने एक नया मोड़ लिया। अनीता का ससुराल वालों के साथ तनाव बढ़ने लगा। घरेलू कलह इस कदर बढ़ी कि अनीता ने अपने पति, सास और ससुर पर प्रताड़ना का मामला दर्ज करा दिया। हैरानी की बात यह थी कि इस सब के बावजूद इंद्रमोहन ने अपनी पत्नी का साथ नहीं छोड़ा और हर मोड़ पर उसका समर्थन करता रहा।
वीरू से मिलने के बाद पति इंद्रमोहन से अलग हो गई अनीता
अनीता राज और इंद्रमोहन की शादीशुदा जिंदगी की कहानी एक आम गृहस्थ जीवन की तरह शुरू हुई थी, लेकिन वक्त के साथ इसमें ऐसे मोड़ आए जिन्होंने इसे एक दिल दहला देने वाली मर्डर मिस्ट्री में बदल दिया। ससुराल वालों से अनबन के बाद इंद्रमोहन ने खेरली बाईपास पर एक मकान किराए पर ले लिया, जहां वह पत्नी अनीता और बेटे के साथ अलग रहने लगा। वह फल बेचकर गुज़ारा करता था और अपने छोटे से परिवार के साथ खुश रहने की कोशिश कर रहा था। लेकिन इस बीच अनीता की जिंदगी एक और राह पर चल पड़ी। उसकी मुलाकात वीरू जाटव नाम के व्यक्ति से हुई और दोनों के बीच अफेयर शुरू हो गया। यह रिश्ता धीरे-धीरे इतना गहरा हो गया कि अनीता ने अपने पति इंद्रमोहन से झगड़े शुरू कर दिए। उन झगड़ों की शिकायत तक अनीता ने थाने में दर्ज कराई थी।
फिर एक दिन ऐसा भी आया जब अनीता इंद्रमोहन को पूरी तरह छोड़कर वीरू जाटव के साथ लिव-इन रिलेशन में रहने लगी। इस रिश्ते से उसे एक बेटा विशाल हुआ। लेकिन कहानी यहीं नहीं रुकी। अनीता ने वीरू को भी पीछे छोड़ दिया और तीसरे व्यक्ति से रिश्ता बना लिया। इस तीसरे रिश्ते से उसे एक और बेटा हुआ। अब अनीता की जिंदगी में तीन पुरुष, दो अलग-अलग संबंधों से बच्चे, और ढेर सारे झूठ जुड़ चुके थे। रिश्तों में यह उलझन, लगातार झगड़े और कई प्रेम संबंधों की यह चक्रव्यूह आखिरकार इंद्रमोहन की जिंदगी पर भारी पड़ा। यह कहानी अब सिर्फ प्रेम और धोखे की नहीं रही बल्कि एक ऐसे हत्याकांड की बन गई जिसकी गुत्थी पुलिस, सीसीटीवी फुटेज और सबसे बढ़कर एक मासूम बच्चे की गवाही से सुलझी। एक आम आदमी की सीधी-सादी जिंदगी कैसे झूठ, लालच और बेवफाई के जाल में फंसकर एक खौफनाक अंत तक पहुंच गई। अनीता और इंद्रमोहन की यह कहानी इसका जीता-जागता सबूत है।
बच्चे की गवाही से खुला मर्डर मिस्ट्री का पर्दाफाश
अलवर के खेरली इलाके में सामने आई यह मर्डर मिस्ट्री किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं लगती एक औरत, उसके तीन प्रेमी, और अंत में एक मासूम बच्चे की गवाही, जिसने पूरी सच्चाई दुनिया के सामने ला दी। इंद्रमोहन की हत्या की गुत्थी जब पुलिस के लिए सुलझाना मुश्किल हो रही थी, तब वही बच्चा, जो सब कुछ अपनी आंखों से देख चुका था, सच का सबसे बड़ा गवाह बन गया। बच्चे ने पुलिस को बताया कि जिस रात उसके पिता की हत्या हुई, उस रात उसकी मां अनीता ने जानबूझकर घर का मेन गेट खुला छोड़ा था। आधी रात के करीब चार लोग घर में दाखिल हुए और उसके पिता वीरू की सोते वक्त गला दबाकर हत्या कर दी गई।
प्यार में अंधी मां का बेटा बना सच का आइना
बच्चे ने चार लोगों में से एक की पहचान भी की उसका नाम काशीराम प्रजापत था, जो अनीता का प्रेमी निकला। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि काशीराम, अनीता का न सिर्फ प्रेमी था बल्कि हत्या की साजिश में उसका मुख्य सहयोगी भी। जांच में कड़ियां जुड़ती गईं और जल्द ही पुलिस ने अनीता राज, काशीराम प्रजापत और एक अन्य आरोपी बृजेश जाटव को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ और कानूनी प्रक्रिया के बाद तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली और मार्मिक बात यह रही कि एक 9 साल के मासूम ने अपने पिता के कातिलों की पहचान कर, न्याय की लड़ाई में सबसे बड़ी भूमिका निभाई। एक मां ने प्रेम में अंधे होकर अपने पति की हत्या करवा दी, लेकिन उसका ही बेटा सच का आइना बन गया।