दीपावली पर जिलाधिकारी बने अभिभावक, 22 मासूमों संग साझा कीं खुशियाँ

  • कोविड के दौरान अपने माता-पिता खोने वाले बच्चों को डीएम ने दिया दीपावली का उपहार
कानपुर। कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को दीपावली के दीपों से ज़्यादा उन नन्हीं आँखों की चमक से रोशन था, जिन्होंने कोविड महामारी में अपने माता पिता दोनों को खो दिया। गम के अंधेरे से गुज़र चुके इन बच्चों के चेहरों पर एक खास मुस्कान थी, जब जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने उन्हें मिठाई, दीया-बत्ती, चॉकलेट और किताबें भेंट कीं और कहा कि एक अभिभावक के रूप में वे हर पल उनके साथ खड़े हैं।
जिलाधिकारी ने बच्चों से कहा कि वे उनके जैविक पिता नहीं हैं लेकिन एक जिलाधिकारी के रूप में उनके वैधानिक अभिभावक हैं और उनकी देखभाल अभिभावक की तरह करना उनका कर्तव्य है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कोई भी बच्चा खुद को अकेला महसूस न करे, प्रशासन और सरकार हर पल उनके साथ है।
संवाद के दौरान बच्चों ने अपने सपनों को साझा किया। किसी ने डॉक्टर बनने की इच्छा जताई, किसी ने इंजीनियर या चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने का लक्ष्य रखा। कुछ बच्चों ने एथलीट बनने का सपना बताया तो कई ने आईएएस और आईपीएस बनकर देश की सेवा करने का संकल्प लिया। जिलाधिकारी ने बच्चों को करियर काउंसलिंग दी और समझाया कि कड़ी मेहनत, अनुशासन और धैर्य से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित किया कि वे अपने लक्ष्य की ओर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें।
कक्षा दसवीं की छात्रा गरिमा सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वजह से उनके सपने ज़िंदा हैं। योजनाओं से मिलने वाली मदद से पढ़ाई बेहतर तरीके से हो रही है। उन्होंने कहा कि दीपावली को खास बनाने के लिए जिलाधिकारी का आभार है। सिंधुजा यादव ने कहा कि इस आयोजन से उन्हें यह एहसास हुआ कि वे अकेली नहीं हैं। समाज और प्रशासन हर कदम पर उनका संबल बने हुए हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत शून्य से अठारह वर्ष की आयु तक के बच्चों को प्रतिमाह चार हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। तेईस वर्ष की आयु पूरी होने पर उन्हें दस लाख रुपये की एकमुश्त धनराशि मिलेगी जिससे उनकी उच्च शिक्षा और जीवन की राह आसान होगी। सभी बच्चों को आयुष्मान भारत योजना से पाँच लाख रुपये का स्वास्थ्य कवरेज उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त लैपटॉप और टैबलेट भी वितरित किए गए हैं, ताकि पढ़ाई में किसी तरह की बाधा न आए।
जिन बच्चों को इस अवसर पर सम्मानित किया गया उनमें परिधि श्रीवास्तव, अद्वित मिश्रा, आराध्या मिश्रा, बबीता कपूर, सतीश कपूर, उत्कर्ष त्रिपाठी, वैष्णवी गुप्ता, अमन गुप्ता, नैतिक चड्ढा, परी मिश्रा, खुशी मिश्रा, रिद्धिमा कपूर, इशिता गुप्ता, तनिष्क गुप्ता, मानविक त्रिवेदी, अभिनव सिंह, गरिमा सिंह, अश्वनी कुमार, सिंधुजा यादव, संध्या, दिव्या और झलक शामिल हैं।
डीएम ने बच्चों के साथ आए परिजनों का आभार जताया और कहा कि रिश्तेदार और समाज यदि इन बच्चों की मदद के लिए आगे आते हैं तो यह पूरे प्रदेश के लिए सकारात्मक संदेश होगा।

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