पटना के ज़िलाधिकारी त्यागराजन ने सोमवार को ‘डॉग बाबू’ नाम से निवास प्रमाण पत्र जारी करने के पीछे किसी शरारती तत्व का हाथ होने का संदेह जताया। पत्रकारों से बात करते हुए, पटना के डीएम ने कहा कि प्रशासन ने प्रमाण पत्र में गड़बड़ी का पता चलने के दो मिनट के भीतर ही प्रमाण पत्र रद्द कर दिया। ज़िलाधिकारी ने कहा, “मामला बेहद गंभीर है। किसी शरारती तत्व ने ऐसा प्रयास किया है। यह प्रमाण पत्र 24 जुलाई को दोपहर 3.56 बजे जारी किया गया था और दो मिनट के भीतर ही 3.58 बजे रद्द कर दिया गया।”
पटना जिले में कुत्ता बाबू नाम से एक निवास प्रमाण पत्र जारी किया गया। इस घटना ने लोक सेवाओं के अधिकार (आरटीपीएस) पोर्टल की सुरक्षा और विश्वसनीयता को लेकर व्यापक आलोचना की है। सोशल मीडिया पर सामने आए प्रमाण पत्र में ‘डॉग बाबू’ को मसौढ़ी का निवासी बताया गया है और ऊपर दाहिने कोने में एक कुत्ते की तस्वीर भी है। प्रमाण पत्र में उसके माता-पिता के नाम ‘कुत्ता बाबू’ (पिता) और ‘कुतिया देवी’ (माता) भी दर्ज हैं। ज़िला प्रशासन ने यह भी बताया कि मामले में अनुमंडल अधिकारी (एसडीओ) स्तर की जाँच शुरू कर दी गई है।
उन्होंने आगे कहा, “मसौढ़ी के अनुमंडल अधिकारी को पूरे मामले की विस्तृत जाँच कर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों के ख़िलाफ़ विभागीय और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।” बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए स्वराज पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि यह वही निवास प्रमाण पत्र है जो भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में मतदाताओं से माँगा गया है।