- धीमी खरीद और कमजोर पर्यवेक्षण के लिए एडीएम (सिविल सप्लाई) एवं जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब
कानपुर। धान खरीद सत्र 2025-26 के अंतर्गत जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने नौबस्ता मण्डी परिसर में स्थापित धान, ज्वार और बाजरा के राजकीय क्रय केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने क्रय प्रगति की जानकारी ली और केंद्रों पर धीमी खरीद पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। नौबस्ता मण्डी में कुल 11 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। निरीक्षण के दौरान 123 कुंतल धान और 30 कुंतल ज्वार की खरीद दर्ज की गई, जबकि बाजरा की खरीद शून्य पाई गई। जिलाधिकारी ने कहा कि किसान हित से जुड़े इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने केंद्रों के अभिलेखों और रजिस्टरों की बारीकी से जांच की।
उन्होंने पाया कि रखरखाव और सफाई की स्थिति संतोषजनक नहीं है। इस पर जिलाधिकारी ने केंद्र प्रभारियों को तत्काल सुधार के निर्देश दिए और क्रय प्रक्रिया को त्वरित गति से संचालित करने का आदेश दिया। धीमी खरीद और कमजोर पर्यवेक्षण के लिए एडीएम (सिविल सप्लाई) एवं जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब किया गया। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों में धान, ज्वार, बाजरा और मक्का की खरीद को तेज कराएं तथा किसानों के लिए पेयजल, छाया, तौल और भुगतान की सभी व्यवस्थाएं सुचारु रूप से सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में धान के कुल 41 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहाँ धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2369 प्रति कुंतल निर्धारित है।
अब तक 1095 किसानों ने पंजीकरण कराया है और धान की कुल खरीद का लक्ष्य 70,000 मीट्रिक टन रखा गया है। इसी प्रकार मक्का के लिए 7 क्रय केंद्र संचालित हैं, जहाँ 2400 प्रति कुंतल न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया है। मक्का के लिए अब तक 149 किसानों ने पंजीकरण कराया है और 1000 मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य रखा गया है। ज्वार और बाजरा की खरीद के लिए 14-14 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें ज्वार का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3699 प्रति कुंतल और बाजरा का 2775 प्रति कुंतल है।जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में खरीफ फसलों की खरीद सुचारु, पारदर्शी और किसान हित में हो, यही शासन की प्राथमिकता है। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि क्रय केंद्रों पर सुविधाओं की निरंतर निगरानी करते रहें और किसानों की हर समस्या का मौके पर समाधान सुनिश्चित करें।
