‘अखिलेश यादव को गाय और सारस का अंतर समझना होगा..’ इस भाजपा नेता ने कह दी ये बड़ी बात

सारस पक्षी से दोस्ती को लेकर चर्चा में आये अमेठी के आरिफ को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच जुबानी जंग तेज हो गयी है. भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने रविवार को सारस मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि सपा प्रमुख को गाय और सारस का अंतर समझना होगा. इससे पहले सपा अध्यक्ष यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था, ”ये दूसरों के दुख से सुखी होने वाले लोग हैं, सारस तक की ख़ुशी इनसे देखी नहीं गयी. ये पक्षियों तक की खुली उड़ान के ख़िलाफ़ हैं, ये भला इंसान की आज़ादी की बात क्या करेंगे.”

रविवार को जारी एक बयान में भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा, ”मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पशु-पक्षियों से प्रेम प्रदेश की जनता से छिपा नहीं है. गाय और सारस का अंतर सपा प्रमुख को समझना होगा.” उन्होंने कहा, ”चिड़ियाघर में सारस को कैद नहीं किया गया, बल्कि संरक्षित किया गया है. सपा प्रमुख सारस की आड़ में आरिफ के नाम पर राजनीति कर रहे हैं.” भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ”सपा अध्यक्ष को छह साल में खुशहाल यूपी नहीं दिखता, उन्हें तो पक्षी नहीं, पक्षी की आड़ में राजनीति की चिंता है.”

यादव ने रविवार को सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधते हुए ट्वीट भी किया, ‘‘ये दूसरों के दुख से सुखी होने वाले लोग हैं, सारस तक की ख़ुशी इनसे देखी नहीं गयी. ये पक्षियों तक की खुली उड़ान के ख़िलाफ़ हैं, ये भला इंसान की आज़ादी की बात क्या करेंगे. छह साल पूरे कर अपनी छठी मनाने वाली उप्र भाजपा सरकार की उपलब्धि केवल बुल और बुलडोजर ही है.” उल्लेखनीय है कि अमेठी जिले के जामो क्षेत्र के मंडखा गांव में सारस पक्षी से दोस्ती को लेकर चर्चा में आये आरिफ की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं. वन विभाग ने उसे नोटिस जारी कर आगामी चार अप्रैल को तलब किया है.

गौरीगंज के सहायक वन अधिकारी रणवीर सिंह की तरफ से आरिफ को शनिवार को भेजे गए नोटिस के मुताबिक, उस पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधानों का उल्लंघन करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. नोटिस के अनुसार, आरिफ को आगामी चार अप्रैल को पूर्वाह्न 11 बजे उप प्रभागीय वन अधिकारी रणवीर मिश्रा के समक्ष उपस्थित हो कर बयान दर्ज कराने को कहा गया है. सिंह ने बताया कि 21 मार्च को आरिफ के घर से वन विभाग की टीम ने सारस को अपने कब्जे में लेकर रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार में छोड़ा था जिसे कानपुर चिड़ियाघर भेज दिया गया है.

गौरतलब है कि आरिफ को करीब एक साल पहले खेत में एक घायल सारस पड़ा मिला था. उसकी टांग टूटी थी. आरिफ ने उसे अपने घर पर लाकर उसका इलाज किया था. पूरी तरह से ठीक होने के बाद सारस वहां से जाने के बजाय आरिफ के साथ ही रहने लगा था और वह उसी के साथ खाता पीता भी था. इसके अलावा वह आरिफ के पीछे-पीछे चलता था. इसके कई वीडियो और तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पांच मार्च को दोनों से मिलने के लिए अमेठी गये थे.

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