भावनानी के भाव – भारतीय संस्कारों को जीवन में अपनाते रहें

लेखक चिंतक कवि किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
सभी जीवो का कल्याण का कार्य करते रहें
किसी के दुखों का भागी कारण न बने
सभी की भलाई निस्वार्थ करते रहें
भारतीय संस्कारों को जीवन में अपनाते रहें
यह भाव हर मानवीय जीव में रहे
दुनिया में सभी सुखी रहें
जीवन भर सभी के मन शांत रहें
दूसरों की परेशानी में मदद करें
कभी किसी को दुख का भागी ना बनना पड़े
यह कामना हर मानवीय जीवन में रहे
जीवन में किसी जीव को परेशान बुराई
ना करने का मंत्र ज्ञान मस्तिष्क में रहे
सभी जीवन में सुखी रहें
दुनिया में कोई दुखी ना रहे
सभी जीवन भर रोग मुक्त रहे
मंगलमय के हर पल के सभी साक्षी रहे
सभी श्लोकों को पढ़कर जीवन में आनंद करें
महापुरुषों के ग्रंथों को पढ़कर सही रास्ते
पर चलकर सभी में यह सोच भरें
किसी की बुराई और परेशान ना करें

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