हत्यारों ने अतीक-अशरफ पर दाग दीं 18 गोलियां और देखती रही UP पुलिस, क्यों नहीं की फायरिंग?

यूपी में दहशत का पर्याय रहा माफिया अतीक अहमद अब इतिहास बन चुका है. शनिवार रात मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाते समय उस पर 3 हमलावरों ने हमला किया. मीडियाकर्मियों के भेष में आईकार्ड और बैग लटकाकर पहुंचे हमलावरों ने पिस्टलों से एक के बाद एक तड़ातड़ 18 गोलियां चलाईं, जिससे अतीक और उसके छोटे भाई अशरफ की वहीं मौत हो गई.

अस्पताल परिसर में जब यह घटना हुई, उस वक्त मीडिया कर्मी उस दोनों माफिया बंधुओं के आगे-आगे सवाल पूछ रहे थे. गुड्डू मुस्लिम के बारे में पूछे जाने पर अतीक ने जवाब देना शुरू ही किया था कि तभी मीडियाकर्मी के रूप में पहुंचे हमलावर ने अतीक के सिर से सटाकर गोली मार दी. वहीं दूसरी ओर मौजूद हमलावर ने अशरफ को गोली मारी. एक-एक गोली लगते ही दोनों नीचे गिर गए, इसके बाद भी तीनों हमलावर रुके नहीं और तड़ातड़ गोलियां बरसाते रहें. जब उन्हें यकीन हो गया कि अब दोनों खत्म हो चुके हैं, तभी वे रुके और तुरंत ही हाथ ऊपर करके पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.

हैरानी की बात ये है कि जब यह घटना हुई, उस दौरान 8-10 पुलिसकर्मी आधुनिक हथियारों के साथ अतीक-अशरफ की सुरक्षा में साथ चल रहे थे. लेकिन हमलावरों की ओर से फायरिंग शुरू होते ही सभी पुलिसवाले अपनी जान बचाने के लिए तुरंत इधर-उधर भाग खड़े हुए. पुलिसकर्मियों ने हमलावरों को जवाब देने के लिए एक राउंड भी फायरिंग नहीं की. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अगर पुलिसकर्मी तुरंत जवाबी कार्रवाई करते तो हो सकता है कि अतीक-अहमद को इतनी गोलियां नहीं लगतीं और उन्हें अस्पताल ले जाकर बचाया जा सकता था.

वहीं घटनास्थल पर मौजूद रहे कई लोगों का कहना है कि सबकुछ इतनी तेजी में हुआ कि किसी को कुछ भी समझ में नहीं आया. अतीक और अशरफ एक ही हथकड़ी से साथ में बंधे थे और आराम से चलते हुए बात कर रहे थे. लेकिन पहले से घात लगाकर खड़े हमलावर अचानक मीडियाकर्मियों की टीम में शामिल हुए और गोलियां बरसा दीं. अचानक गोली चलते ही शुरू में मीडियाकर्मियों के साथ सभी पुलिसकर्मी भी ओट लेने के लिए इधर-उधर भागे. जब उन्हें क्लियर हो गया कि हमलावर (Atiq Ahmed Murder Case) कितने हैं और किस हथियार से गोली चला रहे हैं तो उन्होंने उन्हें दबोचने की कोशिश की. हालांकि तब तक देर हो चुकी थी और दोनों माफिया भाई ढेर हो चुके थे.

उधर माहौल बिगड़ने की आशंका को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार देर रात तक लखनऊ में आला अधिकारियों के साथ लंबी बैठक की. इस बैठक में प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े इंतजाम करने के आदेश दिए गए. सीएम योगी ने पब्लिक से अपील की कि वे किसी अफवाह में न आएं और शांति बनाए रखें. प्रयागराज जिले को 13 सेक्टरों में बांटकर वहां पर अलग-अलग आईपीएस अधिकारी की तैनाती की गई है. जिले के मिश्रित आबादी वाली इलाकों में लोगों के बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है.

सूत्रों के मुताबिक माफिया अतीक और अशरफ को पुलिस कस्टडी में मारने वाले आरोपियों के नाम लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य हैं. तीनों हमलावरों प्रयागराज के ही रहने वाले हैं. उन्होंने यह घटना क्यों की. क्या इसके लिए उन्हें कहीं ओर से निर्देशित किया गया था. पुलिस इन सब सवालों का जवाब ढूंढने की कोशिश कर रही है. उधर मर्डर के बाद प्रयागराज में माहौल तनावपूर्ण है. आज रविवार को अतीक और अशरफ के शव का पोस्टमार्टम होगा. इसके बाद उन्हें सुपुर्दे- खाक किया जा सकता है. इस दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े, इसके लिए पुलिस प्रशासन अपनी तैयारियां करने में जुटा हुआ है.

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