
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मंगलवार को कहा कि COVID-19 वैक्सीनेशन की वजह से यंग एडलट्स में अचानक मृत्यु का खतरा नहीं बढ़ा है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक मेडिकल रिसर्च निकाय ने आगे कहा कि COVID-19 की वजह से अस्पताल में भर्ती होना, अचानक मौतों का पारिवारिक इतिहास और कुछ लाइफस्टाइल व्यवहारों ने भारत में युवाओं के बीच अस्पष्ट अचानक मौतों की घटनाओं को बढ़ा दिया है.
पीटीआई भाषा की एक खबर के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि भारत में स्वस्थ युवा वयस्कों में अचानक होने वाली मौतों की खबरों ने अनुसंधानकर्ताओं को रिसर्च करने के लिए प्रेरित किया. आईसीएमआर का यह अध्ययन भारत में स्वस्थ युवा वयस्कों के बीच अचानक अस्पष्ट कारणों से मौतों के कारकों की जांच करने के लिए किया गया था.
18-45 आयु के व्यक्तियों की रिपोर्ट अध्ययन में शामिल
अध्ययन में 18-45 वर्ष की आयु के स्पष्ट रूप से स्वस्थ व्यक्तियों की रिपोर्ट शामिल की गई जिन्हें कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी. इनकी एक अक्टूबर, 2021 और 31 मार्च, 2023 के बीच अस्पष्ट कारणों से अचानक मृत्यु हो गई थी.
सूत्रों ने बताया कि प्रत्येक मामले के लिए, आयु, लिंग और इलाके के आधार पर चार अन्य लोगों को मिलान के लिए चुना गया. अनुसंधानकर्ताओं ने 729 (मौत के)मामलों और 2,916 नियंत्रण अध्ययन के लिए शामिल लोगों को नामांकित किया और दोनों के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी एकत्र की, जैसे उनका चिकित्सा इतिहास, धूम्रपान, शराब का उपयोग और तीव्र शारीरिक गतिविधि जैसे व्यवहार, क्या वे कोविड के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे और क्या उन्हें कोई टीका लगाया गया था.
अध्ययन के मुताबिक, ‘कोविड-19 टीकाकरण से भारत में युवा वयस्कों में आकस्मिक मृत्यु का जोखिम नहीं बढ़ा बल्कि टीके से वयस्कों में आकस्मिक मौत होने का खतरा कम हुआ. ’